गाजीपुर। जिला पंचायत की सैदपुर प्रथम सीट के घोषित चुनाव परिणाम को उम्मीदवार अंजना सिंह ने सोमवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चुनौती देते हुए पुनर्मतगणना की मांग की। एडीजे डॉ.लक्ष्मीकांत राठौर ने अंजना सिंह के इस आशय की अर्जी स्वीकार करते हुए उनका पक्ष सुना।
कोर्ट में अंजना सिंह का पक्ष वरिष्ठ वकील रामाश्रय सिंह तथा अंजना सिंह के एडवोकेट पुत्र आलोक सिंह ने रखा। बाद में ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में आलोक सिंह ने बताया कि कोर्ट ने उनका पक्ष गंभीरता से सुना। उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट शीघ्र ही संबंधित अधिकारियों सहित सभी अन्य उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही करेगी।
कोर्ट में अर्जी दाखिल होने के बाद अंजना सिंह के पति पूर्व सांसद सपा राधेमोहन सिंह शास्त्रीनगर स्थित अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब हुए। दस्तवेजी साक्ष्यों की छाया प्रतियां प्रस्तुत करते हुए विस्तार से बताए कि किस तरह प्रतिद्वंद्वी सपना सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनसे मिलीभगत कर अधिकारियों और मतदान कर्मियों ने घोर बेईमानी की। यहां तक कि निर्वाचन क्षेत्र के तीन बूथों अनवनी, रमरेपुर तथा सीधरा पर पड़े वोटों को बादकर बगल के निर्वाचन क्षेत्र सैदपुर पंचम के रस्तीपुर बूथ 127-128 के पड़े वोटों के साथ परिणाम घोषित कर दिया गया। इस कृत्य को छिपाने के लिए मतगणना के फार्म 49 को गायब करने का कुत्सित प्रयास हुआ। आखिर में काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें फार्म 49 उपलब्ध कराया गया। फार्म 49 के अवलोकन से ही साफ है कि अंजना सिंह को जीता हुआ चुनाव हरा दिया गया। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह के इस आरोप की पुष्टि उस दौरान मौजूद सैदपुर पंचम सीट से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य खेदन यादव ने भी की।
मालूम हो कि चुनाव में अंजना सिंह समाजवादी पार्टी की अधिकृत उम्मीदवार थीं। चुनाव अभियान में पार्टी उन्हें जिला पंचायत के भावी चेयरमैन के रूप में पेश की थी जबकि सैदपुर प्रथम सीट से निर्वाचित सपना सिंह पत्नी पंकज सिंह चंचल निर्दल थीं। पूर्व सांसद का कहना था कि भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल रिश्ते में सपना सिंह के पति के बहनोई हैं। उनके जरिये प्रतिद्वंद्वी सपना सिंह और उनके लोगों ने चुनाव अभियान की शुरुआत से अंत तक अपने अनुचित लाभ के लिए सरकारी मशीनरी का खूब बेजा इस्तेमाल किया। वोटरों को प्रलोभन, भयभित तक किया गया। बावजूद अंजना सिंह 470 वोटों के फासले से सपना सिंह पर बढ़त बना चुकी थीं। तब आखिरी हथकंडा अपनाते हुए मतगणना में धांधली की गई और नतीजे को पलट दिया गया। लिहाजा जरूरी है कि सैदपुर प्रथम सीट की पुनर्मतगणना कराई जाए।
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