ओह! अपनी जीत के जश्न से पहले ही छोड़ गई दुनिया

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    बाराचवर/गाजीपुर (यशवंत सिंह) वाकई! वह अभागन ही कही जाएगी कि अपनी चुनावी जीत का जश्न मनाने से पहले ही वह इस दुनिया से ही रुखसत हो गई। किस्सा करीमुद्दीनपुर गांव का है।

    बाराचवर ब्लॉक की करीमुद्दीनपुर की बीडीसी सीट संख्या सात से मीरा राय (55) चुनाव लड़ी थीं। अपनी जीत के लिए दिन रात खूब मेहनत की थीं। ऐन मतदान के दिन 29 अप्रैल की रात उनकी तबीयत बिगड़ गई और दूसरे दिन उनकी सांसें थम गईं। दो मई को मतगणना हुई तब 350 वोटों के अंतर से उनके नाम जीत दर्ज हुई। मीरा राय के पति अनिल राय अंसारी बंधुओं के करीबी लोगों में से हैं।

    राजेश राय की बादशाहत कायम

    बाराचवर। करीमुद्दीनपुर ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान प्रतिनिधि राजेश राय की सियासी बादशाहत कायम है। इस बार प्रधान का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित रही। राजेश राय ने अल्पसंख्यक वर्ग की फरीदा पत्नी अलिम को समर्थन देते हुए चुनाव मैदान में उतारा। ग्राम पंचायत के स्वयंभू चौधुरों ने फरीदा के विरोध में पुनीत राजभर का पीठ ठोक कर  फरीदा के विरुद्ध मुकाबिल कराया। कुल 12 उम्मीदवार मैदान में आए। इनमें फरीदा के डमी उम्मीदवार के रुप में उनके पति थे जबकि पुनीत के डमी उम्मीदवार उनके पिता सुमेर थे लेकिन आखिर में बाजी फरीदा के हाथ लगी। जहां फरीदा को 2031 वोट मिले। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पुनीत राजभर को मात्र 1572 वोट पर ही संतोष करना पड़ा। अन्य उम्मीदवारों में राधिका देवी 241, मनोज जायसवाल 172, दिनेश गुप्त 103, मिरा चौहान 94, मुन्ना कुशवाहा 78, राजमुनी देवी 73 और सोनू वर्मा को मात्र 94 वोट मिले। पुनीत राजभर को संतोष राय गुड्डू का एलानिया समर्थन था लेकिन फरीदा के रणनीतिकार राजेश राय के आगे उनकी एक नहीं चल पाई।

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