मुख्तार को करारा झटका, पंजाब जेल से यूपी भेजने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

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    गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए शुक्रवार करारा झटका देने वाला दिन साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित फैसले में आदेश हुआ कि मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से दो सप्ताह के अंदर यूपी में शिफ्ट कर दिया जाए।

    हालांकि ऑनलाइन मीडिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार को यूपी की किस जेल में रखा जाएगा। इसका फैसला एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज करेगी लेकिन एक न्यूज एजेंसी के अनुसार उनकी शिफ्टिंग बांदा जेल में होगी।

    मालूम हो कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एक रंगदारी के मामले में पंजाब पुलिस मुख्तार को बांदा जेल से अपने यहां ले गई थी। उसके बाद से ही वह पंजाब की रोपड़ जेल में निरुद्ध हैं। इसी बीच गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज असलहे के लाइसेंस के फर्जीवाड़े में एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज मुख्तार को तलब की। उन्हें लाने के लिए गाजीपुर से पुलिस टीम रोपड़ गई मगर रोपड़ जेल के अधिकारियों ने मुख्तार की बीमारी का हवाला देते हुए गाजीपुर की पुलिस टीम को बैरंग लौटा दिया। उसी क्रम में एक हत्या के मामले में आजमगढ़ की कोर्ट ने भी मुख्तार को तलब किया लेकिन उनको लेने पहुंची आजमगढ़ की पुलिस टीम को भी रोपड़ जेल के अधिकारियों से वही जवाब मिला और खाली हाथ लौटना पड़ा था।

    हर बार रोपड़ जेल से निराशा मिलने के बाद प्रदेश की योगी सरकार आखिर में सुप्रीम कोर्ट पहुंची। बताई की मुख्तार अंसारी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की विभिन्न कोर्ट में कुल 14 गंभीर आपराधिक मामलों की सुनवाई हो रही है लेकिन मुख्तार के पेश न होने से उनका निस्तारण लंबित हो गया है जबकि एक मामूली अपराध में पंजाब सरकार मुख्तार को अपने यहां की जेल में साजिशन रोक रखी है।

    योगी सरकार की उस याचिका को खारिज कराने के लिए पंजाब सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। उसका कहना था कि  वह चिकित्सकों के मशविरे के अनुसार ही काम कर रही है। इसके पीछे उसकी कोई साजिश नहीं है। लिहाजा यूपी सरकार की याचिका खारिज करने लायक है।

    सुप्रीम कोर्ट दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद बीते चार मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख ली थी। इधर भाजपा इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर एकदम से हमलावर हो गई थी। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस की पंजाब सरकार मुख्तार जैसे दुर्दांत अपराधी को संरक्षण दे रही है। बल्कि भाजपा की विधायक अलका राय इस मामले में कई बार कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका बाड्रा को चिट्ठी भी भेजीं।

    अब जबकि सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दी है। इसको लेकर मुख्तार समर्थक मायूस हैं जबकि भाजपाजन खुश हैं और इसे अपनी योगी सरकार की बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।

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