गाजीपुर। सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एंड चिट्स वाराणसी ने आखिर गाजीपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) के मामले में दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। पूर्व सचिव मोहम्मद मसीहउद्दीन की 29 सदस्यीय कमेटी को अवैध करार देते हुए संजीव कुमार सिंह बंटी की 11 सदस्यीय कमेटी की वैधता पर अपनी मुहर लगा दी।
श्री बंटी ने बताया कि सहायक निबंधक के इस न्यायोचित निर्णय की जानकारी उन्हें विभाग की ओर से बजरिये रजिस्टर्ड डाक मंगलवार को दी गई। बताए कि तत्कालीन सचिव मोहम्मद मसीहउद्दीन को उनके पिता मोहम्मद फसीहउद्दीन के इंतकाल के बाद उनकी जगह साल 2016 में सचिव की जिम्मेदारी सर्वसम्मति से सौंपी गई थी लेकिन ज़नाब मसीहउद्दीन ने कमेटी के लोगों को धोखे में रख कर कमेटी में अलग से अपने 28 लोगों का नाम जोड़ दिया। अपने इस कृत्य पर मुलम्मा चढ़ाने के लिए चिट फंड सोसाइटी ऑफिस में झूठी एफिडेविट और फर्जी दस्तावेज जमा कर दिए थे। जाहिर था कि उनकी नियत कमेटी पर पूरी तरह काबिज होकर मनमानी करने की थी और ऐसा वह करने भी लगे थे। उसका दुष्परिणाम भी सामने आने लगा था। गाजीपुर के होनहार खिलाड़ियों के हक-हकुक छिने जाने लगे थे और इनकी जगह प्रयागराज से लगायत अन्य महानगरों के नाकाबिल खिलाड़ियों को मिलने लगी थी। श्री बंटी ने कहा कि सहायक निबंधक के इस फैसले से गाजीपुर के होनहार खिलाड़ियों को अपना मुस्तकबिल सुधारने का बेहतर मौका मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी मामले में मसीहउद्दीन सहित चार के विरुद्ध विचाराधीन आपराधिक मामले में कोर्ट भी इंसाफ करेगा।
एसोसिएशन के मौजूदा सचिव विनय कुमार सिंह बीनू ने भी एजी ऑफिस के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब गाजीपुर में क्रिकेट का बेहतरीन माहौल बनेगा।