किसान आंदोलन को लेकर अपने ही आदेश पर पुलिस का यू-टर्न

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    गाजीपुर (सुजीत सिंह प्रिंस)। किसान आंदोलन के क्रम में 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस भले ही बैकफुट पर आ चुकी है लेकिन गाजीपुर पुलिस काफी दबाव में है। इसका अंदाजा शनिवार को तब मिला जब महकमे की ओर से एक बेतुका फरमान जारी हुआ।

    गाजीपुर पुलिस उस प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए यहां तक रणनीति बना ली कि न पंपों पर डीजल मिलेगा और न ट्रैक्टरों की रैली निकलेगी। इसके लिए बकायदा थानेदारों ने अपने इलाकों के पंप मालिकों को फरमान जारी कर दिया कि वह ट्रैक्टरों को प्रस्तावित रैली के दिन तक किसी भी दशा में डीजल मुहैया न कराएं। थानेदारों के उस आदेश का पालन करते हुए कई पंपों पर ट्रैक्टरों को डीजल देने से मना करना शुरू कर दिया। बल्कि सैदपुर में एक पंप संचालक ने पंप की डिलीवरी मशीन पर ही इस आशय की सूचना चस्पा कर दिया। उधर गंगा पार एसएचओ सुहवल ने तो अपने इलाके के पंप संचालकों को बकायदा सीआरपीसी 149 का हवाला देते हुए इस आशय की नोटिस भेज दी।

    जाहिर था कि पुलिस के इस बेतुके आदेश के विरोध में आवाज उठनी शुरू हुई। सोशल मीडिया पर भी यह नोटिस वायरल होने लगी। तब महकमे के अधिकारियों का माथा ठनका। महकमा इसको लेकर डिनायल मोड में आ गया। गाजीपुर पुलिस के ऑफिसियल ट्यूटर हैंडल पर ऐसे किसी भी आदेश को लेकर साफ इन्कार किया गया। बल्कि महकमे ने इस पूरे मामले में डैमेज कंट्रोल करते हुए एसएचओ सुहवल की नोटिस के बाबत जांच एएसपी ग्रामीण से कराने की जानकारी ट्यूटर पर दी।

    आखिर पुलिस महकमे के लिए यह नौबत आई क्यों। इस मामले को लेकर `आजकल समाचार` ने तह जाने की कोशिश की तब चौंकाने वाली बात सामने आई। यह कि महकमे को खुफिया रिपोर्ट मिली है कि दिल्ली के आंदोलनरत किसानों की गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के समर्थन में गाजीपुर में तहसील मुख्लायलों पर समाजवादी पार्टी और गांवों में कम्युनिस्ट पार्टियों की किसान सभा के लोग गांवों में निषेधाज्ञा तोड़ कर ट्रैक्टर रैलियां निकालेंगे।

    उधर गाजीपुर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मारकंडेय सिंह ने पुलिस के उस फरमान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ट्रैक्टरों को डीजल नहीं देना है तो प्रशासन सीधे डिपो से ही आपूर्ति बंद करा दे। तब पंपों पर डीजल उपलब्ध नहीं रहेगा और उस स्थिति में पंप संचालकों को किसानों के गुस्से का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। वह यह भी बताए कि इस मामले को लेकर उनका एसोसिएशन प्रशासन से मिलेगा।

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