दूसरे की डिग्री पर पांच साल से कर रही थी शिक्षक की नौकरी, बर्खास्त

    77
    0

    बाराचवर (गाजीपुर)। बेसिक शिक्षा विभाग में प्रदेश के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला सरीखा मामला गाजीपुर में भी सामने आया है। विभा सिंह के नाम पर शैलजा पांच साल से शिक्षक की नौकरी करती रही जबकि असल विभा नौकरी न मिलने पर घर गृहस्थी के झंझावात में है। अब यह मामला संज्ञान में आया है तो विभाग कथित विभा को बर्खास्त कर उसके विरुद्ध एफआईआर और वेतन रिकवरी की बात कह रहा है।

    यह भी पढ़ें—पुलिस का ‘न्यू ईयर गिफ्ट’!

    कथित विभा सिंह (शैलजा) बलिया जिले के गड़वार थानांतर्गत जिगनी गांव की रहने वाली बताई गई है जबकि असल विभा सिंह गाजीपुर के सादात थाना क्षेत्र के अकबरपुर टाडा गांव की रहने वाली है और नौकरी नहीं मिलने पर परिवार के साथ वाराणसी में रहती है। इधर कथित विभा सिंह विभागीय कर्मियों के खुश कर अपने गांव के निकट बलिया के सीमावर्ती क्षेत्र ताजपुर ब्लाक बाराचवर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अपनी तैनाती करा कर सुखद जीवन जी रही थी।

    यही सुखद जीवन उसके गले का फांस बन गया। जलन में आकर पड़ोसी ने उसका सारा भांडा फोड़ दिया। इस सिलसिले में वह बीएसए गाजीपुर और प्रदेश की एसटीएफ तक बात पहुंचा दी। फिर तो जांच शुरू हुई और कथित विभा सिंह की कारस्तानियों की परत दर परत खुलती चली गई।

    पता चला कि साल 2015 में विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती में वह चयनित हुई थी। उस दौरान असल विभा सिंह भी आवेदन की थी लेकिन वह विभाग की बनी मेरिट में स्थान नहीं प्राप्त कर पाई और घर लौट गई लेकिन उसके बाद शैलजा के फर्जीवाड़े की पटकथा शुरू हुई। उसने असल विभा सिंह के हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व टेट के शैक्षिक अभिलेखों सहित निवास प्रमाण पत्र और आधार कार्ड की जाली प्रतियां बनवाई। फिर वह विभा सिंह के ही नाम पर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र भी तैयार करवाई। उसके बाद इन फर्जी प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक के पद पर अपनी नियुक्ति कराने में सफल हो गई।

    इस फर्जीवाड़े का मामला संज्ञान में आने के बाद बीएसए ने असल विभा सिंह को तलब किया। उसके पति रमाशंकर सिंह पहुंचे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सारा मामला सुन कर रमाशंकर सिंह हैरान रह गए। वह खुद भी परिषदीय विद्यालय फौजदारपुर में शिक्षक हैं।

    एबीएसए बाराचवर अखिलेश कुमार झा ने बताया कि बीएसए ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदेश दिया है। शीघ्र ही शैलजा के विरुद्ध करीमुद्दीनपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही उससे शिक्षक के रूप में दिए गए वेतन की भी वसूली होगी। यह राशि 25-30 लाख रुपये होगी।

     

    Previous articleपुलिस ने 51 को दिया ‘न्यू ईयर गिफ्ट’, जब्त कर लौटाई गुम मोबाइल फोन
    Next articleडीएम तक पहुंचा रिश्वतखोर ग्राम प्रधान का मामला, बीडीओ बाराचवर करेंगे जांच