निजी बीटीसी, बीएड कॉलेजों की होगी जांच

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    गाजीपुर। योगी सरकार की ओर से जांच कराने की घोषणा से निजी बीटीसी, बीएड कॉलेजों के प्रबंधकों में हड़कंप मच गया है।

    सरकार ने जांच के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक अजीत प्रताप सिंह की अगुवाई में कमेटी गठित की है।

    गाजीपुर में निजी प्रबंधन के बीटीसी कॉलेज की कुल संख्या 240 है जबकि कुल बीएड कॉलेज करीब 160 हैं। यह भी जगजाहिर है कि इनमें कई ऐसे हैं, जिनके भवन, कैंपस में व्यवसायिक कोर्स वगैरह के भी कॉलेज कागज में चलाए जा रहे हैं। यही नहीं बल्कि स्टॉफ की नियुक्ति में भी गड़बड़ झाला है। उनके वेतनमान में भी मानक की अनदेखी होती है। मानक के हिसाब से छात्रों को संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। उस दशा में अगर सही जांच हुई तो तय है कि उन कॉलेजों में ताले लटक जाएंगे।

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    इन विंदुओं पर होगी जांच

    सत्र 19-20 एवं 20-21 में बीएड-बीटीसी कोर्स में प्रवेश के लिए हुए एंट्रेंस में नियत नीति, छात्रों के प्रवेश की न्यूनतम कटऑफ सूची, सीटों के सापेक्ष एससी-एसटी छात्रों के आरक्षण नियमों के अनुसार प्रवेश।

    • कॉलेजों की मान्यता, कोर्स की संबद्धता, स्वीकृत सीट और निर्धारित शुल्क का परीक्षण।
    • कोर्स में नियुक्त शिक्षकों की न्यूनतम अर्हता, सत्यापन में कार्यरत शिक्षकों की शैक्षिक अर्हता की जांच।
    • कॉलेजों में टीचिंग के लिए कक्ष और आधारभूत ढांचे की स्थिति।
    • कॉलेज की भूमि पर अन्य संस्थानों का सत्यापान।

    जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं प्रबंधक : पप्पू सिंह

    गाजीपुर। इस संबंध में आजकल समाचार ने कॉलेज एसोसिएशन के संरक्षक अशोक कुमार सिंह पप्पू से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी गठित होने की बात एसोसिएशन के संज्ञान में है। कमेटी की जांच का सामना करने के लिए प्रबंधक सहर्ष तैयार हैं। सवाल यह है कि सरकार ने कमेटी को जांच के लिए महज एक सप्ताह की समय सीमा दी है जबकि गाजीपुर के सुदूर इलाकों में सैकड़ों कॉलेज स्थापित हैं। ऐसे में तय समय सीमा में जांच का काम कैसे संभव होगा।

     

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