गाजीपुर। आम कोरोना संक्रमितों को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना तत्पर है और उनकी किस तरह निगरानी कर रहा है। यह तो नहीं मालूम लेकिन इस मामले में सरकारी कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है। इसका प्रमाण राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव हैं। संक्रमण काल में उनकी घोर उपेक्षा को लेकर संगठन बेहद खफा है और इस मामले में सीएमओ को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए उनके निलंबन को लेकर आंदोलन की धमकी दी है।
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इस सिलसिले में मंगलवार को विकास भवन में संगठन की बैठक हुई। बैठक में मौजूद जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव ने आपबीती सुनाई। बताए कि पहलि सितंबर को वह शंका होने पर अपनी ट्रूनेट जांच कराए। कुछ घंटे बाद उनका रिजल्ट पॉजिटिव आया। बावजूद स्वास्थ्य विभाग से उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला। तब वह खुद होम आइसोलेशन में चले गए। छह सितंबर को सीएमओ ऑफिस से फोन आया। बताया गया कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं। फिर पूछा गया कि वह होम आइसोलेशन में रहना चाहेंगे अथवा कोविड हॉस्पिटल जाना चाहेंगे जब उन्होंने बताया कि वह रिपोर्ट आने के बाद से ही होम आइसोलेशन में हैं। तब बताया गया कि विभाग की टीम उनसे संपर्क करेगी लेकिन 13 सितंबर तक न उनके पास विभाग की कोई टीम आई और न कोई फोन ही आया।

दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना था कि उनके खुद के इस अनुभव से साफ है कि कोरोना को लेकर तत्परता, गंभीरता के स्वास्थ्य विभाग के दावे बिल्कुल झूठे हैं
और इसके लिए विभाग के मुखिया सीएमओ जीसी मौर्य जिम्मेदार हैं। लिहाजा इस महामारी में यह लापरवाही एकदम बर्दाश्त के काबिल नहीं है। उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो संगठन छह अक्टूबर को सीएमओ ऑफिस का घेराव होगा। बताए कि संगठन का प्रतिनिधिमंडल 16 सितंबर को डीएम से मिलेगा।