निजीकरण के विरुद्ध विजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों का सत्याग्रह शुरू

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    गाजीपुर। पूर्वांचल विद्युत वितरण  निगम के निजीकरण के विरोध में जूनियर इंजीनियर भी आंदोलन की राह पर हैं। प्रदेश जूनियर इंजीनियर संगठन के आह्वान पर गाजीपुर के जूनियर इंजीनियर भी मंगलवार की सुबह दस बजे से 48 घंटे का सत्याग्रह शुरू कर दिए।

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    संगठन के पूर्वांचल अध्यक्ष शत्रुघ्न यादव ने दावा किया है कि सत्याग्रह पूर्णत: सफल है। सत्याग्रह के तहत जूनियर इंजीनियर अनवरत ड्यूटी कर रहें हैं। रात संबंधित सब स्टेशनों पर गुजारेंगे। दिन के पहर क्षेत्र भ्रमण कर आमजन से मिलेंगे और उनको निजीकरण से होने वाली दुस्वारियों से अवगत कराएंगे। इसके पूर्व सोमवार को संगठन के पदाधिकारियों ने मीडिया के सामने भी अपनी बात पूरे विस्तार से रखी थी। जिला उपाध्यक्ष रवि चौरसिया ने कहा कि निजीकरण से न सिर्फ विभागीय कर्मियों बल्कि आम उपभोक्ताओं का भी नुकसान होगा। कहे कि उनका संगठन निजीकरण को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं करेगा। उनका कहना था कि सरकार जिस उद्देश्य के लिए निगम को निजी हाथों में सौंपना चाहती है उसे विभागीय कर्मी भी पूरा करने का माद्दा रखते है बशर्ते उन्हें भी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। इन संसाधनों के अभाव के बावजूद विभागीय कर्मी पूरी ईमानदारी  और क्षमता से कार्य कर विभाग को अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम दे रहे हैं। इस मौके पर जिला वित्त सचिव मिथिलेश यादव ने बताया कि संगठन ने अपने प्रस्तावित सत्याग्रह की सूचना निगम के प्रबंध निदेशक को भी ई-मेल से दे दी है।

    उनका कहना था कि निजीकरण को लेकर जूनियर इंजीनियरों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों में बेहद गुस्सा है और सत्याग्रह के बाद भी निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं हुआ तो जूनियर इंजीनियर और व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे। तब औद्योगिक अशांति के लिए विभाग का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार होगा। बातचीत के वक्त जिलाध्यक्ष संतोष कुमार मौर्य, संजीव भास्कर, पंकज कुमार आदि भी थे।

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