बाज नहीं आएंगे सपाई, अब अखिलेश के जन्मदिन पर तोड़े फिजिकल डिस्टैंस

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    गाजीपुर। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर आमजन को जागरूक करने वाले सपाई खुद इस मामले में पूरी तरह बेपरवाह हैं। कम से कम गाजीपुर में तो यही स्थिति है। जहां कुछ कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का संदेश घर-घर पहुंचाने के नाम पर मंगलवार को शहर में साइकिल जुलूस निकाल दिए थे वहीं बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्मदिन मनाने के नाम पर फिजिकल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ा कर रख दिए। मजे की बात यह सब जिलाध्यक्ष रामधारी यादव समेत कई जिम्मेदार नेताओं की मौजुदगी में हुआ। केक काटने का फोटो पोज देने की होड़ में फिजिकल डिस्टैंसिंग को दरकिनार कर सभी एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में लगे रहे जबकि साइकिल जुलूस में शामिल कार्यकर्ताओं के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस मामला भी दर्ज कर चुकी है।

    समता भवन में अखिलेश यादव का जन्मदिन मना। इस मौके पर जिलाध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के दीर्घायु होने की कामना करते हुए कहा कि अखिलेश यादव देश के भविष्य हैं। आज देश के जो हालात हैं उससे अखिलेश यादव का कुशल नेतृत्व ही उबार पाएगा। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में विकास का कीर्तिमान स्थापित किया उसे अब भाजपा अपने खाते में जोड़ने की घिनौनी राजनीति कर रही है। प्रदेश की जनता भाजपा सरकार की इस राजनीति से वाकिफ हो चुकी है और तय है कि मौका आने पर इस सरकार को उखाड़ फेकेगी। कार्यक्रम में पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, विवेक सिंह शम्मी, निजामुद्दीन खां, अरुण कुमार श्रीवास्तव, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, तहसीन अहमद, दिनेश यादव, रामयश, गुड्डू यादव, सिकंदर कनौजिया, अक्षय यादव, राहुल सिंह, आदित्य यादव, कमलेश यादव, ईश्वर यादव, जगत मोहन बिंद, अभिनव सिंह, सुखपाल यादव, रामप्रकाश यादव, रामलाल प्रजापति, रविंद्र यादव, ललन राय, राम नगीना यादव, दिनेश यादव, ओमप्रकाश यादव आदि थे।

    अखिलेश यादव के जन्मदिन कार्यक्रम में फिजिकल डिस्टैंसिंग की अनदेखी के सवाल पर पार्टी के जिला प्रवक्ता अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी पार्टी कोरोना को लेकर अति गंभीर है। पहले लॉकडाउन और अब अनलॉक के प्रोटोकॉल के पालन में कोई ढ़िलाई नहीं बरती जा रही है। जनता गवाह है कि लॉकडाउन में पार्टी का हर कार्यकर्ता गरिबों और जरूरतमंदों की मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़े। हकीकत यह है कि भाजपा सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को कोरोना के नाम पर  दबाने की कोशिश कर रही है। शहर कोतवाली में कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर भी उसी का हिस्सा है।

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